जीवन का चक्र

कभी-कभी कुछ-कुछ सोचता हूँ और लिख देता हूँ।

शायद, शायद नहीं। 😹

(When you go to YouTube in search of Answers, but end up watching shorts)

श्मशान गया था जवाब तलाशने, सवाल जलाकर आया मैं।

(And then you realize)

इसी तरह जब मिला था उनसे, अपनी पहचान गवाँकर आया मैं।

(Trying to console yourself)

क्या ग़म देगी ये ज़िंदगी, हर कदम पर नए ज़ख़्म दी ये ज़िंदगी। ख़ुद को खो चुका हूँ मैं, पर क्या उसे भुलाने देगी ये ज़िंदगी?

(Then realizing this is your daily routine)

और फिर कुछ इस तरह, कुछ और दिन धुआं हुए, कुछ और सपने कफ़न हुए। और एक और जवाब ख़्वाब बन गया, एक और सवाल दफ़न हुए।

(Then a new commitment)

Time to get life out of the recycle bin,
time to focus on the real dream.

(Then you reality hits you back again)

Maybe, maybe not. 😹